Exclusive: शंकराचार्यों के अयोध्या नहीं जाने पर मोरारी बापू बोले, 'आशीर्वाद होना चाहिए, जरूरी नहीं कि...'
<p style="text-align: justify;"><strong>Morari Bapu On Ram Mandir Inauguration:</strong> अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को होना है. इसको लेकर एक तरफ देश में उत्साह का माहौल है तो वहीं दूसरी तरफ राजनीति भी हो रही है. मामले को लेकर मशहूर कथावाचक मोरारी बापू ने एबीपी न्यूज के साथ हुई खास बातचीत में अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि इन दिनों बेहद की प्रसन्नता का भाव उत्पन्न हो रहा है.</p> <p style="text-align: justify;">शंकराचार्यों के अयोध्या नहीं जाने को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा, “उनके मन में क्या है...ये वो जानें. इस पावन मौके पर सभी गुरुजनों और विशिष्ट लोगों का आशीर्वाद होना चाहिए. वो आएं या नहीं कम से कम आशीर्वाद होना चाहिए. आशीर्वाद तो बिना पैर जाए भी हो सकता है. वो तो दिल की बातें हैं. <a title="राम मंदिर" href="https://ift.tt/klheCD3" data-type="interlinkingkeywords">राम मंदिर</a> के लिए किसका विरोध होगा. शुभकामनाएं देनी चाहिए.”</p> <p style="text-align: justify;"><strong>मुहूर्त को लेकर क्या बोले मोरारी बापू?</strong></p> <p style="text-align: justify;">22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के समय को लेकर भी सवाल किए जा रहे हैं. इस सवाल पर उन्होंने कहा, "मीडिया के माध्यम से जो भी जाना और पढ़ा है तो उसमें विद्वानों और शास्त्रियों से पूछकर ये मुहूर्त निकाला है. मुझे लगता है कि विद्वानों ने सोच समझकर ही मुहूर्त निकाला होगा. परमात्मा का प्राकट्य केवल शास्त्रों की राय से भी नहीं होता, भगवान प्रेम से प्रकट होते हैं. तो शास्त्र का भी आधार है और जन जन का भी प्रेम उमड़ रहा है और ज्योतिषि, नक्षत्र मेरा विषय नहीं है." </p> <p><iframe title="Sant Morari Bapu Exclusive: मुहूर्त के विरोधियों को संत मोरारी बापू ने क्या जवाब दिया? | ABP News" src="https://www.youtube.com/embed/lm2MtQUx6PU" width="716" height="403" frameborder="0" allowfullscreen="allowfullscreen"></iframe></p> <p style="text-align: justify;"><strong>'राम को छोटा करना अपराध'</strong></p> <p style="text-align: justify;">मंदिर पूर्ण नहीं हुआ और प्रतिष्ठा हो रही है इस सवाल पर उन्होंने कहा, "इस मामले पर तो महापुरुष ही निर्णय कर सकते हैं क्योंकि ये वास्तु का विषय है. मेरा किसी और चीज से नाता नहीं मेरा सिर्फ राम से नाता है और मेरे राम विराजमान हों, मेरी आंखें उनकी आरती उतारेंगीं. मैं सिर्फ राम को देखकर जा रहा हूं. राम साध्य हैं, राम साधन नहीं. आकाश सभी का है, इसमें कोई भेदभाव नहीं है तो राम आकाश हैं. राम इतने व्यापक हैं कि उन्हें छोटा नहीं करना चाहिए. उनको छोटा करना एक अपराध है. हमारा राम सभी का राम है और एक छोटे फ्रेम में नहीं रखा जा सकता."</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a title="'सोमनाथ मंदिर के निर्माण के बीच ही हुई थी प्राण प्रतिष्ठा', बोले जानकी घाट के राजकुमार दास महाराज" href="https://ift.tt/t40RE1W" target="_self">'सोमनाथ मंदिर के निर्माण के बीच ही हुई थी प्राण प्रतिष्ठा', बोले जानकी घाट के राजकुमार दास महाराज</a></strong></p>
from Ram Mandir Inauguration: रामलला की मूर्ति कैसी है और किसने बनाई? जानिए अब तक क्या पता चला https://ift.tt/Q6cgCiB
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